लखनऊ । काकोरी के रहमान खेड़ा इलाके मेें बुधवार को टाइगर ने नील गाय का शिकार किया। गुरुवार सुबह बागवानी संस्थान के खेतों में नील गाय का क्षत विक्षत शव पड़ा देखा गया। इसके बाद सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम जांच पड़ताल में जुटी। टाइगर ने जहां नील गाय का शिकार किया वहां से सौ मीटर की दूरी पर वन विभाग ने पिंजरा लगा दिया है।
रहमान खेड़ा स्थित केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के बेल उत्पादन ब्लॉक में गुरुवार सुबह दस बजे मजदूर काम करने पहुंचे थे। यहां उन्होंने नीलगाय का क्षत विक्षत शव देखा। इसकी सूचना उन्होंने संस्थान के निदेशक को दी। निदेशक ने जानकारी वन विभाग को दी। मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने जांच पड़ताल कर नील गाय के शव से सौ मीटर की दूरी पर पिंजरा लगा दिया है।
रेंजर समेत वन विभाग की टीम सुबह 11 बजे मौके पर पहुंच गई। आस-पास इलाके की सघन जांच करने के बाद टीम को संस्थान परिसर और बाहर खेतों में बाघ के पग चिन्ह मिले हैं। टीम ने संस्थान में बाघ की मूवमेंट पर नजर रखने के लिए पांच प्वाइंट पर फोटो ट्रैप कैमरे लगाए हैं। वहीं मजूदरों का कहना है कि सुबह 4 बजे खेतों में काम करने के दौरान बाघ के दहाड़ने की आवाज भी सुनाई दी थी। आवाज सुनकर मजदूर वहां से भाग खड़े हुए।
रहमान खेड़ा के जंगल में पहले भी टाइगर आ चुका है। करीब तीन महीने पहले भी रहमान खेड़ा के जंगल में टाइगर रुका था। जंगल में बेहता नाला है, जिससे उन्हें पानी की दिक्कत नहीं होती है। बाघ के मूवमेंट को देखते हुए संस्थान के आस-पास उल्लापुर, मीठेनगर और जुगौली गांव में रहने वाले लोगों क अलर्ट किया जा रहा है। शाम के समय लोगों को बाहर निकलने से मना किया जा रहा है। वन विभाग की टीम संस्थान के पांच किमी के दायरे में कॉम्बिंग भी कर रही है।
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