*एंड पिक्चर्स पर लव होस्टल के वर्ल्ड टेलीविजन प्रीमियर से पहले बॉबी देओल ने कहा, “मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरी बैड बॉय वाली छवि इतनी ज्यादा पसंद की जाएगी”*
मोहब्बत और जंग में सब जायज़ है! दो मासूम प्रेमियों और एक खतरनाक हत्यारे की ऐसी ही एक कहानी लेकर आ रहा है एंड पिक्चर्स, जहां होगी फाइट लव और लाइफ की! तो 2 जुलाई को रात 10 बजे देखने के लिए तैयार हो जाइए फिल्म 'लव होस्टल' का वर्ल्ड टेलीविजन प्रीमियर, सिर्फ एंड पिक्चर्स पर! पर्दे के सबसे खतरनाक विलेन्स में से एक डागर के किरदार को लेकर अपनी तैयारियों के साथ-साथ प्यार और रिश्तों के बारे में बताते हुए बॉबी देओल ने फिल्म लव होस्टल समेत बहुत-सी बातों पर चर्चा की,
आजकल ग्रे किरदार भी खतरनाक विलेंस की तरह जोर पकड़ रहे हैं। इस बारे में आपका क्या कहना है?
बीते कुछ सालों में विलेन्स के रोल काफी विकसित हुए हैं। अब ये किरदार ज्यादा जीवंत बनाए जाने लगे हैं, जिससे दर्शक आसानी से जुड़ जाते हैं। डागर का किरदार निभाते हुए मैंने यह सुनिश्चित किया कि मैं स्क्रिप्ट के हिसाब से बिल्कुल उसकी तरह बात करूं और उसकी हर बारीकी का ध्यान रखूं। मुझे लगता है इन्हीं बारीकियों ने डागर को खास बना दिया। इन दिनों पर्दे पर नजर आने वाले किसी भी ग्रे किरदार के लिए भी यही बात लागू होती है। उन्हें बड़ी बारीकी से लिखा जाता है और उनकी अपनी एक मजबूत कहानी होती है।
इस किरदार में आपको किस बात ने आकर्षित किया?
जिंदगी में हमेशा एक पल ऐसा आता है, जो आपको पूरी तरह बदल देता है, चाहे वो अच्छे के लिए हो या बुरे के लिए। डागर भी उन्हीं में से एक है, जिसकी जिंदगी एक नकारात्मक मोड़ लेती है और वो एक बेरहम आदमी बन जाता है। मैं ऐसे किरदारों की तलाश कर रहा था, जो थोड़े अलग हों और ये किरदार वैसा ही है। यह जिंदगी में एक बार निभाया जाने वाला किरदार है। डागर के रोल में उतरना एक चुनौती थी, खासतौर पर इसलिए, क्योंकि मैंने इससे पहले ऐसा कुछ नहीं किया था। इससे मुझे यह किरदार निभाने के लिए बढ़ावा मिला और उस स्याह और घुमावदार पक्ष में झांकने का मौका मिला, जो इस किरदार में है। हाल ही में मुझे डार्क कैरेक्टर्स निभाने में बहुत मजा आ रहा है। मैं एक एक्टर के रूप में अपना वो पक्ष दिखा पा रहा हूं, जो मुझे इससे पहले दिखाने का मौका नहीं मिला था।
इस फिल्म में आपके किरदार को वाकई बहुत बढ़िया रिस्पॉन्स मिला है और हम इस पर आपकी प्रतिक्रिया जानना चाहते हैं। क्या आपने कभी सोचा था कि आप इतने उम्दा बैड गाय बन जाएंगे?
मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरी बैड बॉय वाली छवि इतनी ज्यादा पसंद की जाएगी। मैंने बाबा निराला के किरदार के साथ ग्रे किरदार निभाने से जुड़ी ट्रिक्स जानीं और मुझे वो चुनौती लेने में मजा आया। इसमें मुझे जो रिस्पॉन्स मिला, उसके चलते ही मैं ऐसे प्रोजेक्ट करने के लिए प्रेरित हुआ, जिसमें मेरी असली काबिलियत की परीक्षा होती है। लव होस्टल के साथ डागर के किरदार ने मुझे वाकई कुछ अलग करने का मौका दिया। मुझे याद मेरे बेटे ने मेरे लुक को देखकर 'सिक' कहा था। मैं समझ नहीं पाया कि उसका क्या मतलब है, लेकिन असल में इसका मतलब है कि यह बहुत अच्छा था। मैंने ये जाना कि किस तरह हमारे किरदार नई पीढ़ी तक पहुंच रहे हैं और वो इन्हें कितना पसंद कर रहे हैं। मुझे लगता है कि अब मेरे लिए ऐसे और किरदार करने का वक्त है।
विक्रांत और सानिया नई पीढ़ी के कलाकार हैं। उनके साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा?
वो दोनों अपनी कला में माहिर हैं। वो इतने यंग हैं कि किसी भी चीज को हल्के में नहीं लेते। हालांकि पर्दे पर मेरा उनसे ज्यादा इंटरेक्शन नहीं हुआ, लेकिन उन्हें इतनी खूबसूरती से अपने शॉट देते हुए देखना बड़ा मजेदार अनुभव था। मैं सेट पर इस प्रोसेस को देखते हुए और इस मूड को समझते हुए ज्यादा से ज्यादा वक्त बिताता था, ताकि मैं डागर के इमोशंस को सही दिशा दे सकूं।
इस फिल्म में आपने हरियाणवी भाषा बोली है। क्या इसे सीखना मुश्किल था? क्या ये पहली बार था जब आपने ऐसा कुछ किया है?
डागर के किरदार के लिए सही बोली सीखना बहुत जरूरी था। मैंने इससे पहले कभी हरियाणवी भाषा में हाथ नहीं आजमाए थे, तो जब मैंने इसे सीखना शुरू किया तो मैं इसके बारे में कुछ भी नहीं जानता था। यह चैलेंजिंग होने के साथ-साथ रोमांचक भी था। मैं इसे परफेक्ट बनाना चाहता था, ताकि मेरा किरदार विश्वसनीय नजर आए। मुझे याद है मैं इतना नर्वस था कि हमारी शूटिंग लोकेशन पर डिनर के समय मैं अपने डायरेक्टर शंकर रमन के साथ अपनी लाइंस की प्रैक्टिस किया करता था। और ऐसी चुनौतियां को पार करके सचमुच बहुत अच्छा लगता है।
क्या आपको लगता है कि इश्क की कोई सीमा नहीं होती या फिर इसकी सीमा होनी चाहिए? प्यार में डूबे लोगों के लिए कोई सलाह देना चाहेंगे?
मुझे लगता है कि प्यार से बढ़कर कोई और ताकत नहीं होती और मैं अपने अनुभव से यह बात कह सकता हूं। प्यार की राह में कई उतार-चढ़ाव आते हैं, जिसके लिए या आप तो लड़ते हैं या फिर इसे छोड़ देते हैं। पहले के जमाने में यह एक वर्जित रिश्ता माना जाता था, लेकिन अब हम इस तरह के अनुभव को खुले दिल से स्वीकार करते हैं, क्योंकि हमें पता है कि यह हमें जिंदगी के ऐसे सबक सिखाता है, जो किसी और तरीके से नहीं सिखाए जा सकते। मेरे अनुभव से बताऊं तो मैं अपने बच्चों के साथ एक सेफ ग्राउंड बनाना चाहूंगा, जहां वो मुझसे अपनी लव लाइफ से जुड़ी समस्याओं के बारे में खुलकर बात कर सकें और हम उनके दिल टूटने पर उनकी मदद कर सकें।
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