*इन्सान का निजी जीवन उसूले दीन है: सैफ़ अब्बास।*
संवाददाता।
लखनऊ।चौक स्थित इमामबाड़ा सैय्यद तक़ी साहिब में,मोहर्रम की चौथी मजलिस को विलायत। के उनवान पर संबोधित करते हुए। मौलाना सैफ़ अब्बास ने कहा कि।इस्लाम में लोगो की आसानी के लिए।उसूले दीन और फरुवे दीन दो हिस्सो में, इस्लाम की पूरी तालीम को बाँट कर एक इन्सान के खूद के, जीवन को समझा दिया है।जिस तरह से इन्सान का जो अपना निजी जीवन है। वह उसूले दीन की तरह है। और जो उसका समाजिक जीवन है वह फरुवे दीन की तरह है। अगर इस चीज को किसी एक व्यक्ति मे, समेटा जाए तो उसूले दीनऔर फरुवे दीन। दोनो हज़रत अली की ज़ात मे जमा मिलेगा। जिनकी विलायत हमारे उपर जरुरी है।और अगर हम हजरत अली (अ.स)की विलायत को दिल से स्वीकार कर लें। तो हमे उसूले दीन और फुरुवे दीन सब मिल जाएगें।
अन्त में मौलाना सैफ़ अब्बास ने जनाबे हुर के मसाएब पढ़े।जिसे सुनकर अज़ादारों की आंखों में आंसू आ गये।
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