जुलूस फ़ातहे फुरात निकाला गया।या सकीना या अब्बास की सदाएं फ़िज़ा में गूजी
- -- ताहिर हुसैन हाशमी
लखनऊ।आठवीं मुहर्रम के मौके पर, दरिया वाली मस्जिद से,उठकर अलम फ़ातेह फुरात बरामद हुआ।जो प्रशासन द्वारा निर्धारित रास्तों रूमी गेट, बड़ा इमामबाड़ा, नींबू पार्क, फूल मंडी चौराहा से होता हुआ, देर रात को इमामबाड़े गुफरान मॉब में जाकर समाप्त हुआ। जुलूस निकलने से पहले दरिया वाली मस्जिद में, शिया बुद्धिजीवी मौलाना कल्बे जवाद नक़वी ने मजलिस को ख़िताब किया।मजलिस को ख़िताब करते हुए मौलाना ने जनाबे अब्बास अलैहिस्सलाम की शुजात,बहादरी और वफ़ादारी को बयान किया।मजलिस में मौलाना ने जनाबे अब्बास (अ.स) के मसाएब बयान किए। जिसको सुनकर अजादार रोने लगे। बताते चलें कि आठवीं मोहर्रम का जुलूस हजरत अली के बेटे, अब्बास अलैहिस्सलाम की शहादत की याद मे उठाया जाता है।जिसमें हजारों की संख्या में महिलाएं पुरुष व बच्चे शामिल थे। इस जुलूस को मशालों वाला जुलूस भी कहते हैं। क्योंकि जुलूस में मशासले होती हैं। और जुलूस के आगे आगे लोग मशाले लेकर चलते हैं। इसी वजह से इस जुलूस को भी मशालों वाला जुलूस कहा जाता है।जुलूस के गुजरने वाले रास्तों पर ।पुलिस ने ब्रेकटिंग कर रास्तों को बंद कर दिया था।ड्रोन कैमरे से जुलूस की निगरानी हो रही थी।
जुलूस में शामिल लोग या सकीना या अब्बास के नारों के साथ मातम करते हुए चल रहे थे।फ़िज़ाओं में या सकीना या अब्बास की सदाएं गूंज रही थीं।जुलूस के गुजरने वाले रास्तों पर लोगों ने सबीलें लगाई थी।जिनसे जुलूस में शामिल लोगों को पानी, चाय,कॉफी और तबर्रुकात बाटे जा रहे थे।
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