जुलूस आशूरा निकाला गया या हुसैन या हुसैन की सदाएं फ़िज़ा में गूँजी
फोटो--- शहाब खान
*जुलूस आशूरा निकाला गया।या हुसैन या हुसैन की सदाएं फ़िज़ा में गूँजी।*
--- ताहिर हुसैन हाशमी
लखनऊ।दसवीं मुहर्रम के मौके पर, विक्टोरिया स्थित, नाज़िम साहब के इमामबाड़े से,जूलूस आशूरा निकाला गया। जो प्रशासन द्वारा निर्धारित रास्तों बजाजा, शिया कॉलेज, मेफेयर तिराहा,नखास, बिल्लौच पूरा, टूरिया गंज, हैदर गंज, बुलाकी अड्डा, एवरेडी होता हुआकर्बला तालकटोरा जाकर समाप्त हुआ।जुलूस निकलने से पहले इमामबाड़े नाज़िम साहब में, शिया बुद्धिजीवी मौलाना सय्यद हमीदुल हसन ने मजलिस को ख़िताब किया।मजलिस को ख़िताब करते हुए मौलाना ने इमाम हुसैन (अ.स)और उनके 71 साथियों की शहादत को बयान किया। जिसको सुनकर अजादार रोने लगे। बताते चलें कि दसवीं मोहर्रम का यह जुलूस, नवासे रसूल हज़रत इमाम हुसैन (अ.स) और उनके 71 साथियों की शहादत की याद में उठाया जाता है।जिसमें हजारों की संख्या में महिलाएं पुरुष व बच्चे शामिल थे। जुलूस के गुजरने वाले अतिसंवेदनशील रास्तों पर ।पुलिस ने ब्रेकटिंग कर रास्तों को बंद कर दिया था।ड्रोन कैमरे से जुलूस की निगरानी हो रही थी।जुलूस के गुज़रने वाले रास्तों पर चरक चौराहे से हैदर गंज और हैदर गंज से मिल एरिया चौकी तक ओवर ब्रिज को भी बन्द कर दिया गया था।
जुलूस में शामिल लोग या हुसैन या हुसैन के नारों के साथ मातम करते हुए चल रहे थे।जुलुस में शामिल लोग ज़ंजीरों और कमाओं का मातम कर रहे थे।गहरी कमा लगाने वालों के इलाज के लिए कर्बला में एराज़ मेडिकल कॉलेज की तरफ़ से कैम्प लगा हुआ था।जहाँ डॉक्टर लोगों का इलाज कर रहे थे।वैसे भी पूरे रास्ते भर कैम्प लगे थे जहाँ से लोगों को बैंडेज बांधी जा रही थी।पुलिस के आला अधिकारियों के साथ साथ नागरिक सुरक्षा संगठन के अधिकारी और सेक्टर वार्डन भी मुस्तैदी से तैनात थे। और अपनी ड्यूटी निभा रहे थे।इस शदीद गर्मी में इमामे हुसैन (अ.स)से अक़ीदत रखने वाले।हज़ारों लोग स्याह लिबास में नंगे पैर कर्बला जाते देखे गए।