मसीहुल मुल्क हकीम अजमल खां की यौमे पैदाइश “वर्ल्ड यूनानी डे” मनाया गया
मरीज़ को फायदा पहुंचाने के लिए सभी पैथी मिलकर काम करें- डॉ दीपक अग्रवाल
लखनऊ, यूपी
यूनानी स्कॉलर एसोसिएशन (यूएसए) ने वर्ल्ड यूनानी डे के मौके पर बड़ा कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में यूनानी चिकित्सकों, डॉक्टरों और प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने भाग लिया। कार्यक्रम में यूनानी जगत में शानदार काम करने वाले दो हकीमों को हकीम अजमल खान अवार्ड- 2024 से नवाज़ा गया।
इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य और ऐशबाग ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने कहा कि हकीम अजमल खां सिर्फ हकीम नही बल्कि कई फन के माहिरीन थे। वो फ्रीडम फाइटर थे। वो दीनी मालूमात के माहिर थे। साथ ही वो बतौर पत्रकार भी जाने जाते हैं। उन्होंने तिब यूनानी में कई बडे काम किए और कई किताबें लिखी। हकीम अजमल खां ने हमेशा मरीजों खास तौर पर ज़रूरतंद लोगों के हित में काम किया। आज के माहौल में हमें उनसे बहुत कुछ सीखने की ज़रूरत है।
इस मौके पर विशिष्ट अतिथि शहर के मशहूर गेस्ट्रोलॉजिस्ट डॉ दीपक अग्रवाल ने यूनानी स्कॉलर एसोसिएशन की तारीफ करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम से समाज में प्रक्टिस कर रहे चिकित्सकों में ऊर्जा का संचार होगा। उन्होंने कहा कि मरीजों के हित में सभी पैथी को एक साथ काम करना चाहिए। अगर किसी पैथी में किसी मर्ज का या मरीज का एलाज नही है तो उन्हें दूसरी पैथी की मदद से ठीक करना चाहिए। ऐसे में इंटीग्रेटेड सिस्टम में सभी मिलकर काम करें तो मरीजों का बड़ा हित होगा।
विशिष्ट अतिथि मशहूर कार्डियोल़जिस्ट डॉ साजिद अंसारी ने कहा कि हम लोग हमेशा ये सुनते और देखते आएं है कि यूनानी से कई गंभीर बीमारियों का एलाज होता है, मगर पूरी तरह से यूनानी प्रैक्टिसनर आज बहुत कम है। इस पैथी के चिकित्सकों के ज़्यादा से ज़्यादा अपनी पैथी के लिए काम कने की ज़रूरत है ताकि आम लोगों को फायदा हो।
इस मौके पर दिल्ली से आए हकीम मोहम्मद अख्तर सिद्दीकी और प्रतापगढ़ से आए डॉ सिद्दीक अहमद खान को तिब यूनानी में बेहतरीन कारनामे के लिए हकीम अजमल खां आवार्ड- 2024 दिया गया। हकीम अख्तर सिद्दीकी ने लीवर पर यूनानी नुस्खे को लेकर काफी काम किया है। उन्होंने इस मौके पर अपना प्राजेंटेशन पेश किया। वही हकीम सिद्दीक अहमद खान पर्किंशन समेत कई बीमारियों के यूनानी पैथी में इलाज कर रहे हैं। उन्होंने मौजूद चिकित्सकों के सवालों का जवाब देते हुए बताया कि तिब यूनानी में इलाज के लिए ज़रूरी है कि मरीज की कैफियत, मिजाज़ को कायदे से देखा जाए।
कार्यक्रम का आयोजन राजधानी लखनऊ के रेगनेंट होटल में किया गया। संचालन डॉ मुबस्सिर ने बखूदी अंजाम दिया। कार्यक्रम की शुरुआत में एसोसिएशन अध्यक्ष डॉ आमिर जमाल ने यूनानी स्कॉलर एसोसिएशन के अब तक के कारनामे को बताया। डॉ जुहैर ने कार्यक्रम के अन्त में सभी का धन्यवाद पेश किया। कार्यक्रम में कई फार्मा कंपनियों ने अपने काउंटर लगाये थे। इस मौके पर बीडीए के अध्यक्ष डॉ अब्दुल हलीम, सेक्रेटरी डॉ नियाज़ अहमद, अडवा के अध्यक्ष डॉ तौकीर रज़ा, डॉ एएच उसमानी, डॉ शहजाद आलम, डॉ अशफाक अहमद, डॉ फैजान अहमद, डॉ परवेज, डॉ सबीहा, डॉ अनीस सिद्दीकी, डॉ इमलान अंसारी, डॉ असिफ अली, डॉ एचएस अशरफ समेत सैकड़ों चिकित्सक मौजूद रहे।
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